वाराणसी। भारतीय रेल का निजीकरण करना तो दूर अगर इसका प्रयास भी हुआ तो आल इंडिया रेल फेडरेशन इसका पूरा विरोध करेगी। जहां रेल कर्मचारी या संगठनों से कोई अपेक्षा है तो हमें बताए, उसे हम पूरा करने का प्रयास करेंगे। हालांकि रेल राज्यमंत्री ने हमें आश्वस्त भी किया है कि निजीकरण नहीं होगा। बावजूद इसके अगर भारत सरकार ने निजीकरण करने का प्रयास किया तो ट्रेन के पहिए रोक दिए जाएंगे। यह जानकारी एआईआरएफ और एनआरएमयू के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने शुक्रवार को एईएन कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लेकर भी हमें सकारात्मक संकेत मिले हैं।
महामंत्री ने कहा कि कागजों में तो अधिकारियों के घरों पर काम करने वाले सभी ट्रैकमैन काम पर वापस आ गए हैं लेकिन अभी मात्र 30 प्रतिशत रेलकर्मी ही लौटे हैं। इससे पूर्व नार्दन रेलवे मेंस यूनियन लखनऊ मंडल की ओर से उत्तर रेलवे की एईएन कॉलोनी स्थित सामुदायिक केंद्र में ट्रैकमेंटनर्स कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान नई पेंशन नीति को समाप्त करने, ट्रैकमेंटेनर कैटेगरी में लेवल-6 के पद ‘मास्टर ट्रैकमेंटेनर’ को सृजित करने सहित 17 मांगों को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान रेल कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ यात्री सुरक्षा-संरक्षा को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल राजेश सिंह ने किया। कांफ्रेंस में शाखा मंत्री सुनील कुमार सिंह, शाखा सचिव डीके सिंह, राजकुमार, एसएन नकवी, लक्ष्मीकांत उपाध्याय, एससी गौतम आदि मौजूद रहे। इससे पहले महामंत्री शिव गोपाल मिश्र के काशी आगमन पर मंडुवाडीह स्टेशन पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। एनई रेलवे मजदूर यूनियन मंडल मंत्री वीके सिंह, सहायक महामंत्री एनबी सिंह, शाखा मंत्री राकेश रंजन राणा, डीएलडब्ल्यू अरविंद श्रीवास्तव, प्रदीप शर्मा आदि ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया।