नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि सरकार ने रेलवे का निजीकरण करने का प्रयास किया तो कर्मचारी रेल का चक्का जाम कर देंगे। सरकार के कर्मचारी विरोधी रवैये के खिलाफ देश के रेलवे कर्मचारी 15 जनवरी से दो फरवरी तक आंदोलन करेंगे। 1नरमू के केंद्रीय परिषद की बैठक रेलवे स्टेडियम में हुई। इसमें पांच राज्यों के कर्मचारियों ने भाग लिया। केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि सरकार रेलवे को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर निजीकरण करने का प्रयास कर रही है।

सन 1974 में भी तत्कालीन सरकार ने कर्मचारियों की हितों की अनदेखी की थी। रेल कर्मियों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार को सत्ता से बेदखल करने में भागीदारी निभाई थी। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री का कहना है कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा रहा है बल्कि आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिए प्रयास किया जा रहा है। 1वहीं नई पेंशन नीति को लेकर युवा रेल कर्मियों में काफी गुस्सा है। ट्रेड यूनियन ने इसमें बदलाव करने की मांग की है। इसमें कहा गया है कि नई नीति के तहत पेंशन देने की गारंटी दी जानी चाहिए।

सरकार ने इसके लिए कमेटी बनाई है। बैठक में न्यूनतम वेतन मान निर्धारित करने, रनिंग भत्ता निर्धारित करने, काम के घंटे तय करने, क्वार्टर को ठीक करने, रिक्त पदों को भरने का मांग उठाई गई। इसके अलावा आंदोलन के लिए युवा और महिलाओं को जागरूक करने का निर्णय लिया गया। केंद्रीय अध्यक्ष एसके त्यागी, सहायक महामंत्री डीएन चौबे, उपाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, रामऔतार मीना के अलावा दिल्ली मंडल के मंडल मंत्री अनुप शर्मा, लखनऊ के मंडल मंत्री आरके पांडेय, फिरोजपुर के मंडल मंत्री दलजीत सिंह, अंबाला के मंडल मंत्री सीएसएस बाजवा और मुरादाबाद के मंडल मंत्री राजेश चौबे उपस्थित थे। इसके अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व यूपी के नरमू के पदाधिकारी शामिल हुए।

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