आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने आज फिर कहाकि हमें निजीकरण के खिलाफ एक मुकम्मल संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा, सरकार की नीयत ठीक नहीं है, एक ओर पूरा देश जहां कोरोना जैसी महामारी और भारत – चीन सीमा पर तनाव को लेकर चिंतित है, वहीं केंद्र सरकार भारतीय रेल का सौदेबाजी करने में व्यस्त है। महामंत्री ने कहाकि कुछ लोग हमारे आंदोलन को कमजोर करने की भी साजिश करेंगे, लेकिन इनसे सावधान रहना और हरहाल में अपनी एकता को बनाए रखना होगा। केंद्रीय अध्यक्ष एस के त्यागी ने कहाकि इन दिनों कारखानों और उत्पादन इकाइयों में काफी दिक्कतें है, इसकी जानकारी है, इस पर कार्रवाई की जा रही है।
वीडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिए महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा आज नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के कारखाना मंडल की स्टेंडिग कमेटी की बैठक कर रहे थे। महामंत्री ने कहाकि जब पूरा देश इस समय कोरोना की महामारी से परेशान है, इतना ही नहीं इन दिनों देश भर की निगाह लद्दाख में भारत चीन सीमा विवाद पर भी लगी हुई है। ऐसे में भारत सरकार एक साजिश के तहत भारतीय रेल के निजीकरण की घिनौनी साजिश में व्यस्त है। महामंत्री ने रेलकर्मचारियों को आगाह किया कि इस समय में हमें पूरी तरह एकजुटता बनाए रखना है और निजीकरण के साथ ही डीए को फ्रीज किए जाने के खिलाफ एक मुकम्मल संघर्ष के लिए तैयार रहना है।
महामंत्री ने याद दिलाया कि कुछ लोग कैसे एक साजिश के तहत रेल कर्मचारियों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए मल्टीस्कीलिंग और कैडर आँफ मर्जर का समर्थन कर रहे है, जबकि सच्चाई ये है कि इसके लागू होने से सभी कैडर के कर्मचारियों का नुकसान होगा। उन्होंने कहाकि कर्मचारियों में भ्रम पैदा करने के लिए बार बार कहा जा रहा है कि इससे ट्रैकमेन्टेनर साथियों के पदोन्नत का रास्ता खुलेगा, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। सच्चाई ये है कि मल्टीस्कीलिंग और कैडर आफ मर्जर से एक-एक कर्मचारी पर चार-पांच रेलकर्मचारियों के काम का बोझ बढ़ेगा, इतना ही नहीं बड़ी संख्या में स्वीकृत पदों को समाप्त कर भारतीय रेल में कर्मचारियों की संख्या जो अभी लगभग 13 लाख है उसे कम करके आठ लाख पर समेटने की साजिश है। महामंत्री ने कहाकि एआईआरएफ का अपना इतिहास है और हम कर्मचारियों की भलाई के साथ कभी समझौता नहीं कर सकते, ये बात हर कर्मचारी गांठ बांध लेनी चाहिए।
कारखाना मंडल की स्टैंडिग कमेटी में महामंत्री ने दूसरे मसलों पर विस्तार से चर्चा की, उन्होंने कहाकि कुछ दिनों से देख रहा हूं कि कोरोना से तमाम रेलकर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं, फिर भी हमें घबराने की जरूरत नहीं है, बस हमें सुरक्षा कवच को और मजबूत करना होगा। अगर केंद्रीय सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत हम अपनी सुरक्षा करें, तो कोरोना से कोई खतरा नहीं है। महामंत्री ने याद दिलाया कि लाँकडाउन से जब पूरा देश लगभग ठप हो गया था, लोग घरों में कैद होकर रह गए थे, उस वक्त भी देशवासियों की चिंता रेलकर्मियों ने की, क्योंकि अगर इस दहशत के माहौल में मालगाडियों और पार्सल ट्रेनों का संचालन न होता तो कई राज्यों में आवश्यकवस्तुओं की आपूर्ति ठप हो जाती । हमारे साथी रेलकर्मचारियों ने बड़ी संख्या में मालगाड़ी, पार्सल ट्रेन का संचालन कर अनाज, फल, सब्जी, दूध की ही आपूर्ति नहीं बल्कि अन्य जरूरी सामानों की भी किसी राज्य में कमीं नहीं होने दी। आप ने देखा कि जब राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में नाकाम साबित हुई तो फिर अपने जान माल और परिवार की चिंता किए बगैर हजारों ट्रेनों के जरिए 60 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम रेलकर्मचारियों ने किया ।
महामंत्री ने संगठन की समीक्षा के दौरान कहाकि धर्मपुर और श्रीनगर चार्टर में कई कार्यक्रम करने के लिए केंद्र से कहा गया था, उन्होंने कहाकि हमें पता है कि कारखानो में तमाम कार्यक्रम होते तो है, लेकिन उनकी रिपोर्ट समय से नहीं भेजी जाती है। महामंत्री ने इंडस्ट्रीयल काउंसिल, महिला संवाद, युवा संवाद, सोशल मीडिया वर्कशाप, चाय पर चर्चा, ब्रांच काउंसिल मीटिंग आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की और कहाकि जिन शाखाओं में ये कार्यक्रम हो गए है, वो अपनी रिपोर्ट भेजें और जहां किसी वजह से नहीं हो पाए है, वो इसे तुरंत करें। मेंबरशिप की चर्चा के दौरान उन्होने कहाकि ज्यादातर लोगों के मेंबरशिप पूरी हो गई है, लेकिन देखा जा रहा है कि इधर काफी नए कर्मचारियों ने कारखानों में ज्वाइन किया है, इन सब की भी मेंबरशिप की जानी चाहिए। श्री मिश्रा ने कहाकि 2020 की मेंबरशिप की बुक कुछ शाखाओं में अभी नहीं जा पाई है, शाखा मंत्री इसे तत्काल ले जाएं।
केंद्रीय अध्यक्ष एस के त्यागी ने कहाकि हमने महसूस किया है कि इन दिनों कारखानों और उत्पादन इकाइयों में कर्मचारियों को काफी मुश्किल हो रही है, कई मसलों की जानकारी हुई है, इस पर बड़ौदा में हाउस में अधिकारियों से बात चल रही है, इस समस्या का समाधान हो जाएगा। श्री त्यागी ने याद दिलाया कि सरकार को जो रुख है, अगर निजीकरण की कोशिश हुई तो सबसे ज्यादा मुश्किल भी काऱखानों और उत्पादन इकाइयों को ही होने वाली है। ऐसे में हमें खुद मजबूत और एकजुट रहना ही होगा। श्री त्यागी ने कहाकि ये सही है कि कोरोना का प्रकोप बढ़ने से संगठन के काम में कुछ शिथिलता रही है, इसे जल्द से जल्द ठीक करना होगा। अध्यक्ष ने कहाकि इस समय कोरोना का प्रभाव भी तेजी से बढ़ता जा रहा है, इसलिए आप सभी को सावधानी भी बरतनी होगी, क्योंकि इधर इस महामारी के चपेट में कई रेलकर्मचारी भी आ गए हैं, इसके चलते कई बार न सिर्फ रेल भवन बल्कि बड़ौदा हाउस को भी सील किया जा चुका है। अध्यक्ष ने जोर देकर कहाकि रेलकर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, क्योंकि सरकार ने हमें कोरोना वारियर्स तो माना, लेकिन दूसरे विभागों की तरह हमें किसी तरह की सहूलियत नहीं दी।
वीडियो कान्फ्रेंस को केंद्रीय उपाध्यक्ष,जोनल महिला चेयरपर्सन प्रवीना सिंह, केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभारी राम अवतार मीना , केंद्रीय उपाध्यक्ष दिलराज सिंह, एआईआरएफ की नेशनल यूथ कोआर्डिनेटर प्रीति सिंह, केंद्रीय कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया और संगठन के कार्यों की सराहना करते हुए कहाकि ये मुश्किल दौर है, लेकिन हमें हिम्मत से काम लेना है, हम जरूर कामयाब होंगे। ये समय है जब हम सभी मिलकर संगठन के लंबित कार्यों को पूरा कर सकते हैं।
मंडल मंत्री अरुण गोपाल मिश्रा ने कारखाना मंडल की रिपोर्ट रखी और कहाकि जो निर्देश केंद्रीय कार्यालय से मिलते है, उन्हें हर हाल में पूरा करने का प्रयास होता है, काफी कार्य हो चुके है, जो बाकी है उसे भी जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। स्टैंडिग कमेटी का संचालन मंडल अध्यक्ष किशन पहलवाल ने किया। इस बैठक को मुख्य रूप से राजीव शर्मा, अनुप वाजपेयी, प्रताप भानू, अभिषेक मिश्रा, संजीव मिश्रा, प्रेम सोनकर, बबिता, प्रदीप कुमार, मणिकांत शुक्ला, ओम प्रकाश चौबे, किरन रेखा राय, अनिल कुमार अस्थाना, प्रकाश चंद्र, तेजिंदर सिंह, यदुवीर सिंह, सुरिंदर सिंह, कुलबीर सिंह, प्रवीन कुमार, दिनेश कुमार समेत तमाम लोगों ने संबोधित किया।
- Latest Orders
- Establishment
- Finance
- RAILWAY BOARD ORDERS – FINANCE FE-I
- RLY BOARD ORDER 7TH PAY COMMISSION
- RLY BOARD ORDER – 6TH PAY COMMISSION
- Railway Board Orders 2021
- Railway Board Orders 2020
- Railway Board Orders 2019
- Railway Board Orders 2018
- Railway Board Orders 2017
- Railway Board Orders 2016
- Railway Board Orders 2015
- Railway Board Orders 2013
- Railway Board Orders 2012
- DOPT
- Negotiating Forums
- 7th CPC
- Protests
- Ministry of Finance
Select Page
Trackbacks/Pingbacks