व्यक्ति से ज्यादा संगठन महत्वपूर्ण : शिवगोपाल मिश्रा पटना 25 दिसंबर । ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की 15 कार्यकारिणी की बैठक में आल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि अगर यूनियन को आगे बढ़ाना है और सरकार के खिलाफ संघर्ष में कामयाबी हासिल करनी है तो युवा पीढ़ी को सही रास्ता दिखाना जरूरी है । महामंत्री ने कहाकि हमें ये स्वीकार करना होगा कि व्यक्ति कभी महान नहीं होता है, महान संगठन होता है और संगठन के लिए हमें पूरी ताकत से लगना ही होगा।ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की 15 वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक आज यहां जे पी ट्रेड यूनियन प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित की गई । मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहाकि संगठन के संचालन में कार्यकारिणी का फैसला काफी अहम होता है, हमें पक्का यकीन है कि आज इस बैठक में ईसीआरकेयू नेतृत्व कुछ अहम फैसला लेगा, जिससे आगे आने वाला संघर्ष आसान हो सके। महामंत्री ने कहाकि जब भारतीय रेल में युवाओं की संख्या बढ़ते हुए लगभग सात लाख तक पहुंच गई है, ऐसे में हमें युवाओं को सही रास्ता दिखाना होगा ।वर्किग कमेटी में हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा जरूरी है, क्योंकि जब तक चर्चा नहीं होगी, फिर उसका हल कैसे निकलेगा ? ईसीआरकेयू की ताकत को मै जानता हूं, इस संगठन में काफी जुझारू और मेहनती कार्यकर्ता है, वो जो ठान लेते है, उसे अँजाम तक पहुंचा कर ही दम लेते हैं। महामंत्री ने कहाकि हमें संगठन के स्वरुप को भी बनाए रखना है, क्योंकि अगर संगठन के स्वरूप में गिरावट आएगी तो संगठन कमजोर भी होगा। महामंत्री ने जोर देकर कहाकि आज हमें जोन, मंडल से लेकर शाखा तक युवाओ और महिलाओं की कमेटी बनानी होगी, जब तक हम युवाओं और महिलाओं को संगठन से नहीं जोड़ेंगे, तब तक हम किसी भी संघर्ष में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सकते। महामंत्री ने जोर देकर कहाकि चुनौती बड़ी है, लिहाजा हमें तैयारी भी उसी के मुताबिक करनी होगी। महामंत्री ने कहाकि वो ईसीआरकेयू को एक आदर्श संगठन के रूप में देखना चाहते हैं।महामंत्री ने कहाकि सरकार अपना भरोसा खोती जा रही है, एक तरफ खुद प्रधानमंत्री और रेलमंत्री संसद के साथ ही हर मौके पर कहते हैं कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं होगा, लेकिन उनका हर कदम भारतीय रेल को निजीकरण की ओर ले जाने वाला है। सरकार की मंशा हर हाल में भारतीय रेल को सरकारी क्षेत्र से बाहर निकालने की है, लेकिन जिन लोगों को आँल इंडिया रेलवे मेंन्स फैडरेशन का इतिहास पता है, वो जानते हैं कि एआईआरएफ के रहते निजीकरण का मंसूबा कभी पूरा होने वाला नहीं है। यही वजह है कि सरकार कुछ ऐसे कदम उठा रही है जिससे यूनियनों को खत्म किया जा सके।महामंत्री ने कहाकि फिलहाल यूनियन की मान्यता का चुनाव जल्दी होने वाला नहीं है, लिहाजा इसकी तैयारी के लिए हमारे पास काफी समय है और इस समय का हमें सदुपयोग करना चाहिए। महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहाकि संगठन की मजबूती के लिए हमें और अधिक कार्य किए जाने की जरूरत है । हम सबको निजीकरण के खिलाफ एक जनआंदोलन की जमीन तैयार करनी होगी, इसके लिए भारतीय रेल के सभी 7600 रेलवे स्टेशन पर रेल बचाओ देश बचाओ अभियान समिति का गठन किया जाना चाहिए। ये काम हर हाल में 15 जनवरी तक पूरा हो जाना चाहिए।ईसीआरकेयू के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने संगठन की चर्चा करते हुए कहाकि जैसा की एआईआरएफ महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा जी ने कहा है हम हर हाल में युवाओं और महिलाओं की कमेटी का गठन जोन से लेकर शाखा स्तर तक जरूर करेंगे। हमारे कार्यकर्ताओं में लगन और मुश्किल हालात में संघर्ष करने की क्षमता है और वो सरकार के हर श्रमिक विरोधी कार्य का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं। महामंत्री ने कहाकि हमारे संगठन में पूरा लोकतंत्र है, यहां हर पदाधिकारी अपनी बात कहने को स्वतंत्र है और अच्छे सुझावों का हम न सिर्फ स्वागत करते है, बल्कि उस पर अमल करने की भी कोशिश होती है। कार्यकारिणी के बैठक में विशेष आमंत्रित पूर्व मंत्री और हिंद मजदूर सभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह ने सरकार की नीतियों की जमकर आलोचलना की और कहाकि आज सरकार सिर्फ अमीरों के लिए काम कर रही है। सरकार की मजदूर और किसान विरोधी नीति का ही परिणाम है कि कड़ाके की ठंड के बाद भी हजारों किसान दिल्ली की सड़कों पर डेरा डाले पड़े है,लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है, उसे लगता है कि आंदोलन लंबा खिंचेगा तो किसान खुद वापस हो जाएंगे, लेकिन ये सरकार की भूल है। उन्होंने रेल कर्मचारियों को आगाह किया वो संगठित रहे और बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहे, वरना सरकार भारतीय रेल का निजीकरण करने से पीछे नहीं हटेगी।कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष डी के पांडेय ने किया, इस दौरान कार्यकारी अध्यक्ष एस एस डी मिश्रा समेत जोन, मंडल और शाखाओं के पदाधिकारी मौजूद थे । कार्यकारिणी की बैठक शुरु होने के पहले आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के दिवंगत अध्यक्ष रखालदास गुप्ता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।बाद में महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने महिलाओं के एजूकेशन कार्यक्रम हिस्सा लिया और उन्हें यूनियन की जरूरत, यूनियन के संघर्ष, यूनियन की उपलब्धि के बारे में विस्तार से चर्चा की। महामंत्री ने महिलाओं से कहाकि उनका प्रयास है कि महिलाओं को भी यूनियन की मुख्यधारा में शामिल किया जाए, क्योंकि महिलाएं जो कुछ ठान लेती है, उसे जरूर पूरा करती हैं। सच्चाई ये है कि संगठन को मजबूत करने में महिलाएं अहम भूमिका निभा सकती हैं। इसके लिए हमें जोन, मंडल और शाखा स्तर तक महिलाओं की कमेटी बनानी होगी।महामंत्री ने कहाकि अगर संगठन की ताकत को बढ़ाना है तो महिलाओं की ताकत हर हाल में बढ़ानी ही होगी, उन्होंने एनआरएमयू का उदाहरण दिया और कहाकि हमने संविधान में संशोधन कर साफ कर दिया है कि जब तक जोन,मंडल और शाखा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं होगा, तब तक संगठन के पदाधिकारियों के नाम सर्कुलेट ही नहीं होगा। महामंत्री ने कहाकि कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, फिर भी महिलाओं ने घर परिवार के साथ आफिस के कार्य को प्रभावित नहीं होने दिया।महामंत्री ने कहाकि ईसीआरकेयू में बड़ी संख्या में युवाओं ने एजूकेशन कार्यक्रम में शामिल होकर ट्रेनर बने है, लेकिन आगे उन्हें अपनी शाखाओं में ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने थे, जो नहीं चलाए गए। इस एजूकेशन प्रोग्राम में महिला जोनल कन्वीनर रेवती सिंह, केंद्रीय पदाधिकारी मृदुला सिन्हा और युवा कन्वीनर नीरज सिंह भी मौजूद रहे।