AIRF is not impressed with Rail Budget 2016-17
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के रेल बजट 2016-17 से आम लोगों के चेहरे खिल गए हों, लेकिन दिनरात कड़ी मेहनत कर ट्रेनों को समय पर चलाने वाले रेलकर्मियों की अनदेखी को लेकर रेलवे यूनियनें नाराज हैं। रेलवे के आय के साधनों का जिक्र न होने और अधिकांश सेवाएं आउटसोर्सिग के हवाले करने पर यूनियनों ने आरोप लगाया है कि भारतीय रेल को निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है।ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि रेल मंत्री प्रभु ने बजट भाषण में रेलवे की आय और व्यय का ब्योरा नहीं दिया है। अधिकांश यात्री सुविधाएं निजी क्षेत्रों के हवाले की जा रही हैं। रेलवे में आउटसोर्सिग परंपरा बनती जा रही है। इससे रेलवे का चरणबद्ध तरीके से निजीकरण करने का खतरा पैदा हो गया है। रेल कर्मचारी जान देकर दिनरात ट्रेनें चलाते हैं, बजट में उनके लिए कुछ नहीं दिया गया। रेल बजट रेल कर्मियों के लिए निराशाजनक है।
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