ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने आज कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने सहित कई मामलों को लेकर सरकार ने जो वादा किया था वह अभी तक पूरा नहीं हो सका है। मजबूर होकर रेलकर्मी अब आरपार की लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं। कामरेड शिव गोपाल मिश्र आज दिनांक 08/08/2018 को अमृतसर में आयोजित वर्कशॉप डिवीज़न की मंडल परिषद बैठक के मौके पर प्रेस से मुखातिब हुए। कारखाना मंडल की मंडल परिषद बैठक का आयोजन एनआरएमयु की कारखाना ब्रांच अमृतसर द्वारा किया गया। कामरेड शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि युवा रेलकर्मियों के लिए नयी पेंशन स्कीम (एनपीएस) कतई भी लाभदायक नहीं है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने आधिकारों के लिए सजग और संघर्ष के लिए भी तैयार रहना चाहिए। कामरेड मिश्र ने आगे कहा कि कारखानों की स्तिथि भी बद से बदतर होती जा रही है, भारत सरकार कारखानों में ठेकेदारी प्रथा को निरंतर बढ़ावा देते हुए कर्मचारियों से काम छीनने में प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि अब वह समय आ गया है जब रेलवे को बचाना ही बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि हमारे संगठन की ताकत के रहते सरकार रेलवे का निजीकरण करने में नाकाम रही है।
सरकार रेलवे के रखरखाव से लेकर परिचालन तक की जिम्मेदारी देश विदेश की निजी कंपनियों को सौंपना चाहती है। उन्होंने कहा कि तमाम विरोध के बाद भी सरकार रोजमर्रा के काम भी ठेकेदारों से करवाने में परहेज नहीं कर रही है। ऐसे में सरकार से टक्कर लेने के लिए एकजुट होकर एनआरएमयु और एआईआरएफ के झंडे तले संघर्ष करना अनिवार्य हो गया है, अगर हमारी एकता कमजोर हुई तो रेलवे को बचाना मुश्किल होगा। पुरानी पेंशन बहाली के मामले मे उन्होंने कहा कि सरकार वादाखिलाफी कर रही है। बीते साल हड़ताल की घोषणा के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने भरोसा दिलाया था कि तय समय में इस पर निर्णय लेंगे। इसके बावजूद सरकार आज तक कोई निर्णय नहीं कर सकी है। मजबूरन अब आर-पार की लड़ाई लड़नी पड़ेगी। इसलिए तमाम रेलकर्मियों को संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।
इस मौके पर एनआरएमयु के अध्यक्ष कामरेड एस.के.त्यागी ने रेल कर्मचारियों को मिलकर संघर्षरत रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि रेल कर्मियों के साथ केंद्र सरकार की वादाखिलाफी के बाद जल्द ही संघर्ष का बिगुल बजेगा और तमाम रेलवे कर्मचारियों को एकजुटता के साथ लड़ने के लिए तैयार रहना होगा। सातवें वेतन आयोग के मुद्दों पर सरकार की तरफ से ढिलाई को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कर्मियों के साथ नाइंसाफी करार दिया।
कार्यक्रम में कारखाना मंडल मंत्री कामरेड बी.डी.मिश्र, केंद्रीय कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, कामरेड आरए मीना, कामरेड किशन कुमार, कामरेड एस यू शाह, कामरेड शिव दत्त, कामरेड घनश्याम, कामरेड प्रवीन आदि ने भी विचार रखे। । इस मीटिंग में राजीव कुमार, ईश देवगन, मदन लाल, महेंद्र शर्मा, कुलबीर सिंह, अश्विनी कुमार, अजित वालिया, जसविंदर सिंह, किशोर कुमार, सुखविंदर सिंह, सरबजीत कौर, नरेश कुमार, सविंदर बावा, तेजिंदर सिंह, नीरज, जतिंदर, भगवंत मान, राकेश कुमार आदि मौजूद थे। इस मौके पर कारखाना मंडल के सेंकडों रेलकर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
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