नई दिल्ली :- पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए ही लोगों को बेहतर अर्बन ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिल सकती है, अगर निजी क्षेत्र की कंपनी अर्बन ट्रांसपोर्ट में आएगी तो उसका ध्यान न सिर्फ मुनाफा कमाने में रहेगा, बल्कि वो यात्रियों की सुरक्षा से समझौता करने से पीछे नहीं हटेगी।
अर्बन ट्रांसपोर्ट को लेकर बैंकाक में हुई रेलवे एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने के बाद स्वदेश लौटे आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने बताया कि दुनिया भर के रेलवे से जुड़े लोगों ने अर्बन ट्रांसपोर्ट को लेकर गहन विचार विमर्श किया। श्री मिश्रा ने बताया कि इस बात पर तो दुनिया भर के लोग सहमत थे कि अर्बन ट्रांसपोर्ट हर हाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ही रहना चाहिए, अगर इसका संचालन निजी हांथो में सौंपा गया तो ये पूरा ट्रांसपोर्ट सिस्टम पटरी से उतर जाएगा, क्योंकि फिर ये सिर्फ मुनाफा कमाने वाली कंपनी भर ही बनकर रह जाएगी, इसमें सेवा का भाव भी नहीं रहेगा। इतना ही नहीं निजीक्षेत्र में जाने के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी ये कंपनी गंभीर नहीं रहेगी, इसका खामियाजा लोगों को भुगतना होगा।
क्वालिटी ट्रांसपोर्ट तभी संभव है जब इसका संचालन रेलवे या कोई सरकारी संस्थान करेगा। भारत समेत दुनिया के कई दूसरे देशों में भी अर्बन ट्रांसपोर्ट सरकार की देख रेख में अच्छी तरह से संचालित किया जा रहा है। एलआरडीएस, मोनो रेल, मेट्रो समेत कई दूसरी तरह की सेवाएं अभी संचालित हो रही है। कई जगह तो मेट्रो अर्बन एरिया की लाइफ लाइन है।
बैठक में इस बात पर चिंता जाहिर की गई कि तमाम फाइनेंसियल कंपनिया चाहती है कि अर्बन ट्रांसपोर्ट निजी क्षेत्र में रहे, इसके लिए वो तरह तरह का दबाव भी बनाते है। इससे निपटना भी हमारे लिए गंभीर चुनौती है। इतना ही नहीं यहां वर्कस का भी शोषण होता है। इनकी सेवा शर्तें, आउट सोर्सिंग और संविदाकर्मियों को लेकर तमाम मसले बने रहते हैं।
बहरहाल तय हुआ है कि दुनिया भर में अर्बन ट्रांसपोर्ट में प्राइवेट सेक्टर के वर्कस के बीच जागरूकता का अभियान चलाया जाए और इसका दो मकसद है, पहला ये कि लोगों को क्वालिटी ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिल सके और दूसरा इसमें काम करने वालों के अधिकारों की रक्षा की जा सके। सिंगापुर कांग्रेस में इस मुद्दे पर अगले चरण की चर्चा होगी।