We, the members of Northern Railway Men’s Union and North Eastern Railway Mazdoor Union, affiliates of All India Railway Men’s Federation would like to request you to recall repeated formal and informal representations of AIRF against Ministry of Railway’s move towards privatization of Railways and Corporatization of its Production Units……

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The Chairman

Railway Board

Rail Bhawan, New Delhi.

 At Lucknow

Reg: – MEMORANDUM

Dear Sir,

We, the members of Northern Railway Men’s Union and North Eastern Railway Mazdoor Union, affiliates of All India Railway Men’s Federation would like to request you to recall repeated formal and informal representations of AIRF against Ministry of Railway’s move towards privatization of Railways and Corporatization of its Production Units.

During several round of discussions in the past, we had urged that Government’s above move is anti-labour and anti-users as well. Today, inauguration of TEJAS Express from LJN to NDLS and announcement of running of 150 more trains on various railway routes by private operators in future has created mental agonies among the railway men, as a result, countrywide protests and agitations are being held by the railway men.

It is therefore, demanded that Railway Board should immediately withdraw its decision to allow private train operators on Indian Railways in the light of various deliberations held between AIRF and Railway Board, so that the prevailing industrial peace on Indian Railway be maintained.

सरकार टकराव का रास्ता छोड़े, वरना बड़ी कीमत चुकानी होगी : शिवगोपाल मिश्रा

लखनऊ, 4 अक्टूबर । भारत सरकार द्वारा निजीकरण को प्रोत्साहित करते हुए लखनऊ से नई दिल्ली के बीच पहली प्राईवेट ट्रेन ” तेजस ” का संचालन किए जाने से नाराज आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के आह्वान पर आज नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन और एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। फैडरेशन के विरोध की वजह से डरे रेल और जिला प्रशासन ने पूरे रेलवे स्टेशन परिक्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया, इतना ही नहीं यूनियन दफ्तर के बाहर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती कर बेरीकेट्स लगा दिए गए। कर्मचारियों की नाराजगी से डरे रेल प्रशासन ने किसी तरह भारी सुरक्षा में इस ट्रेन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हरी झंडी दिखवाकर रवाना किया। ट्रेन रवाना होने से पहले महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल चेयरमैन रेलवे बोर्ड से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपने के साथ ही कहा गया कि रेल मंत्रालय कर्मचारियों से टकराव का रास्ता छोड़े और ट्रेनों का संचालन रेल कर्मचारियों को ही करने दे।
पहली तेजस ट्रेन को लखनऊ से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हरीझंडी दिखाकर रवाना करना था, इस बीच आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया और कहाकि सरकार इस ट्रेन के माध्यम से निजीकरण का रास्ता खोलने जा रही है, ये फैडरेशन को कत्तई मंजूर नहीं है। विरोध की आवाज जब लखनऊ में गूंजी तो दिल्ली तक इसकी आवाज पहुंची, कल से उत्तर प्रदेश के आला अफसर और खुफिया अधिकारी लगातार महामंत्री से मिलकर विरोध प्रदर्शन को वापस लेने की मांग करते रहे। महामंत्री ने साफ कर दिया कि आज केंद्र की सरकार श्रमिक विरोधी है और भारतीय रेल को बेचने की साजिश कर रही है, ऐसे में विरोध प्रदर्शन को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता। विरोध प्रदर्शन की खबर के बाद चेयरमैन रेलवे बोर्ड विनोद यादव ने महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा से बात की और कहाकि वो तेजस के शुरुआत के मौके पर लखनऊ रहेंगे, हम आप से मिलकर पूरे मामले पर फैडरेशन से बात करने को तैयार हैं।
घबराए रेल प्रशासन ने सुबह ही महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और कहाकि कोई भी बड़ा फैसला बिना यूनियन की सलाह मशविरे के नहीं किया जाएगा। तेजस के बारे में चेयरमैन ने कहाकि इस ट्रेन में ड्राईवर, गार्ड, स्टेशन मास्टर, मेन्टीनेंस सभी कुछ रेलकर्मचारी करेंगे, चूंकि ये प्रीमियम ट्रेन है, इसलिए इसमें आईआरसीटीसी को इनवाल्व किया गया है। चेयरमैन ने आग्रह किया कि मुख्यमंत्री आज रेलवे के मेहमान है, इसलिए विरोध का रास्ता छोड़कर आयोजन में शामिल होना चाहिए। महामंत्री ने इस आयोजन में शामिल होने से इनकार करते हुए कहाकि हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, लेकिन आयोजन में कोई व्यवधान पैदा नहीं करेंगे। तय हुआ कि जल्दी ही दिल्ली में एक बैठक कर पूरे मामले पर विस्तार से बात होगी।
यहां से विरोध प्रदर्शन स्थल पहुंचे महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेल कर्मचारियों को संबोधित किया और कहाकि ये वक्त है एकजुट होकर अपनी ताकत को बढ़ाने का। हमें अगर भारतीय रेल के वजूद को बचाए रखना है तो एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा, सरकार की नीयत साफ नहीं है, भारतीय रेल को कमजोर करने की एक सुनियोजित साजिश चल रही है। महामंत्री ने कहाकि अगर हम तेजस ट्रेन के आधुनिक कोच बना सकते हैं तो इसका संचालन भी कुशलतापूर्वकर कर सकते हैं। महामंत्री ने कहाकि अभी तो ये शुरुआत है, मंत्रालय ने ऐलान किया है कि ऐसी ही 150 और ट्रेन चलाने का सरकार का इरादा है। फैडरेशन का मानना है कि ये छुपे रास्ते से निजीकरण की कोशिश है, जिसे हम कामयाब नहीं होंने देंगे।
महामंत्री ने कहाकि सरकार के 100 दिन के कार्ययोजना से ही साफ हो गया कि उसकी नीयत साफ नहीं है। अब हमें तय करना है कि सरकार के मंसूबे को पूरा होने दें, या फिर संघर्ष का रास्ता अपनाते हुए अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ें । महामंत्री ने युवाओं और महिलाओं का आह्वान किया कि उन्हें अभी भारतीय रेल में काफी साल नौकरी करनी है, इसलिए होने वाले आंदोलन के लिए उन्हें सबसे आगे रहना होगा। श्री मिश्रा ने कहाकि जो हालात है, उसमें अब भारतीय रेल का चक्का जाम करना ही एकमात्र विकल्प रह गया है, हम सरकार से बात कर रहे है, लेकिन जब हमें लगेगा कि अब बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकलने वाला है तो चक्का जाम करना ही होगा।
इस सभा को एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री के एल गुप्ता, अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी और एनआरएमयू के मंडल मंत्री आर के पांडेय ने भी संबोधित किया। सभी नेताओं ने महामंत्री को आश्वस्त किया कि फैडरेशन के आदेश मिलते ही उनके जोन और मंडल में रेल का चक्का पूरी तरह जाम हो जाएगा। यहां रेल कर्मचारी सरकार की नीतियों से बिल्कुल सहमत नहीं है। इस विरोध प्रदर्शन में एनआरएमयू के केंद्रीय उपाध्यक्ष एस यू शाह, आर ए मीना, कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव , मंडल मंत्री उपेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह और अरुण गोपाल मिश्रा समेत तमाम बडे नेता मौजूद थे।
उधर तेजस ट्रेन के दिल्ली पहुँचने पर दिल्ली मंडल के रेल कर्मचारियों ने यहाँ भी भारी विरोध किया ! इस दौरान महामंत्री के अलावा केंद्रीय अध्यक्ष एस के त्यागी, जोनल महामंत्री एल एन पाठक, मंडल मंत्री अनूप शर्मा समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे !

ट्रेनों का निजीकरण दुर्भाग्यापुर्ण फैसला – अमृतसर वर्कशॉप में विरोध प्रदर्शन

आज दिनांक 04.10.2019 को तेजस ट्रेन के निजीकरण के विरोध में काम. शिव गोपाल मिश्र के आह्वान पर पुरे देश में प्रदर्शन हो रहें हैं। अमृतसर वर्कशाप में भी ट्रेनों के निजीकरण पर प्रचंड प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन में बड़ी गिनती हुए अमृतसर वर्कशाप में शामिल हुए। इस मौके पर बोलते हुए काम. राजीव शर्मा/ ब्रांच सेक्रेटरी ने कहा कि ए.आई.आर.एफ और एन.आर.एम्.यु ने हमेशा निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाई है और आगे भी उठाती रहेगी। उन्होंने कहा कि ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों के निजीकरण से रेलवे कर्मचारी ही नहीं भारत के हरेक नागरिक को परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि अगर हम निजीकरण के खिलाफ आज खड़े नहीं हुए तो भारतीय रेलवे इतिहास बन जाएगी और 1947 से पहले की व्यवस्था रेलवे में काबिज हो जाएगी। 1947 से पहले भी रेलवे अलग अलग कम्पनियों के हाथों में थी और मुनाफा विदेश जा रहा था और आज फिर वैसी ही व्यवस्था बनाई जा रही है जिसके खिलाफ हमें लड़ना पड़ेगा क्योंकि निजीकरण वाली व्यवस्था इस देश में पहले भी नहीं चली थी और अब भी नहीं चलेगी। इस व्यवस्था से नौकरी न बनेगी न बचेगी, इस लिए यह लड़ाई रेलवे कर्मचारी के साथ साथ एक आम भारतीय के भविष्य की लड़ाई भी है।

काम. किशन कुमार/मंडल अध्यक्ष ने कहा कि रेलवे में खानपान की व्यवस्था तो IRCTC ठीक नहीं कर पा रही है पूरी की पूरी ट्रेन कैसे सम्भालेगी यह सोच का विषय है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों में निजीकरण से यात्रियों की परेशानियां बढ़ेगी।

मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए काम. मदन लाल ने कहा कि लोकल प्रशासन भी निजीकरण लागू करने से बाज आये वरना यूनियन एक्शन पर जाएगी। इस मौके पर काम. कुलबीर सिंह, काम किशोर कुमार, काम अजित वालिया, काम जसविंदर सिंह, काम राकेश कुमार, काम अश्विनी कुमार, काम भारत भूषण, काम. विजय राणा, काम. नरेश कुमार, क. सुमीत, क. जोशी, क. खंडवाल, क. अवतार, क. सुखजिंदर, कामरेड मान, क. अवतार सिंह,  कामरेड जतिंदर, कामरेड बावा, कामरेड तेजिंदर सिंह. क. राकेश कुमार आदि ने हिस्सा लिया ।