देश में हर तीसरी महिला घरेलू हिंसा की शिकार : सर्वे रिपोर्ट
महिलाओं की सुरक्षा आईटीएफ की प्राथमिकता : स्टीफेन काँटन
कार्यस्थल पर महिलाओं को उचित वातावरण मिले : शिवगोपाल मिश्रा
नई दिल्ली, 30 सितंबर । घरेलू हिंसा को लेकर देश भर में किए गए सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है, रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर तीसरी महिला किसी न किसी तरह घरेलू हिंसा की शिकार है । इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फैडरेशन के महासचिव स्टीफेन काँटन ने इस सर्वे रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की और कहाकि इस मामले में आईटीएफ जल्दी एक खास कार्ययोजना तैयार कर दुनिया भर में महिलाओं को जागरुक करने के साथ ही उनके हक की लड़ाई लड़ेगा। आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपल मिश्रा ने अपने वीडियो संदेश में कहाकि कार्यस्थल पर महिलाओं को एक उचित वातावरण देने की जरूरत है, जिसके लिए फैडरेशन लगातार प्रयासरत है।
दरअसल दुनिया भर में घरेलू हिंसा की शिकायत बढ़ती जा रही है, इस पर आईटीएफ ने इसे संज्ञान में लिया और तय किया कि इस मामले में एक सर्वे कराया जाए, जिससे जमीनी हकीकत की जानकारी हो सके। इस सर्वे के लिए आईटीएफ ने देश ही दुनिया में सबसे अधिक मेंबरशिप वाले आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के साथ दूसरी यूनियन और एनजीओ की मदद ली। इस काम में एआईआरएफ के साथ ही इससे संबद्ध जोनल यूनियनों की महिलाओं ने इसमें आगे बढ़कर हिस्सा लिया, इस तरह से देश भर में कुल लगभग 15600 महिलाओं के बीच ये सर्वे पूरा किया गया , सर्वे की रिपोर्ट चौंकाने वाली रही है। एक अनुमान के मुताबिक देश में हर तीसरी महिला घरेलू हिंसा की शिकार है। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली 75 फीसदी से ज्यादा महिलाओं ने बताया कि उन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से अपने जीवनकाल में घरेलू हिंसा का अनुभव किया है।
सर्वे के मुताबिक 10 में से 9 कामकाजी महिलाओं का कहना था कि घरेलू हिंसा की वजह से कार्यस्थल पर उनकी क्षमता का प्रभावित हुई है। इतना ही नहीं 77 फीसदी महिलाओं का कहना है कि कार्यस्थल पर घरेलू हिंसा की शिकायत करने की वजह से उनके नियोक्ता ने उनके साथ भेदभाव शुरु कर दिया। सर्वे के दौरान 26 फीसदी महिलाओं ने बताया कि वो कार्यस्थल पर ऐसे लोगों को जानती है, जिन्होंने घरेलू हिंसा का अनुभव किया है। इतना ही नहीं 23 प्रतिशत महिलाओं को तो घरेलू हिंसा के साथ अपने अनुभवों के कारण उन्हें नौकरी तक खोनी पड़ी।
आईटीएफ के महासचिव स्टीफेन काँटन ने कहाकि घरेलू हिंसा से संबंधित सर्वे रिपोर्ट वाकई चौंकाने वाला है, इसकी वजह से जो हिंसा होती है वह तो इसकी गंभीरता को दर्शाता है। श्री काँटन ने कहाकि जो हालात है उससे कम से कम इतना साफ है कि ये एक गंभीर चुनौती है। ये समस्या हमारे लिए भी एक अहम मुद्दा है, घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें जागरुकता अभियान को जारी रखने की जरूरत है।
आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने अपने वीडियो संदेश में कहाकि वैसे तो हम महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पहले से संवेदनशील रहे है, हमारी यूनियन ने तो अपने संविधान में संशोधन करके घरेलू हिंसा कानून को यूनियन में भी लागू कर दिया है। भारतीय रेल की महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर उचित वातावरण मिले, इसके लिए भी तमाम उच्चस्तरीय प्रयास किए जाते रहे हैं। महामंत्री ने कहाकि यही वजह है कि जब हमें आईटीएफ से घरेलू हिंसा सर्वे के बारे में जानकारी दी गई तो फैडरेशन ने इसे बिना देरी स्वीकार किया और देश भर की महिलाओं ने इस काम को गति देने में जुट गईं।
टाटा इंस्टीच्यूट आँफ सोशल साइंसेज की प्रतिभा गजभिए ने कहाकि हमने महसूस किया है कि कोविड़ 19 के दौरान लाक डाउन के वक्त घरेलू हिंसा की शिकायतें अचानक काफी बढ गई, इसके लिए तमाम महिलाओं ने हमारे हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क किया। ये सर्वे रिपोर्ट बहुत ही सही समय पर आया है। कनाडा निवासी बर्ब मैकक्यूरी ने भी इस मामले गंभीर बताते हुए कहाकि इस ठोस कार्ययोजना के साथ हम सभी को आगे बढने की जरूरत है।
एनआरएमयू की केंद्रीय उपाध्यक्ष / जोनल महिला चेयरपर्सन प्रवीना सिंह ने कहाकि ऐसा नहीं है कि घरेलू हिंसा की समस्या केवल अपने देश में है, बल्कि आज ये समस्या पूरी दुनिया में विकराल रूप ले चुकी है । शुरुआती दिनों में इस तरह की घटनाएं आमतौर पर निचले तबके और मीडिल क्लास परिवार में ही देखने को मिल रहा था, लेकिन अब ये समस्या उच्च या कहें अपर क्लास में भी दिखाई दे रही है तो गलत नहीं होगा । दो दिन पहले की ही बात है, मध्यप्रदेश के एक आईपीएस अफसर पुरुषोत्तम शर्मा जो भोपाल में स्पेशल डीजी के पद पर तैनात थे, उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मारपीट की। हालाकि पीटे जाने के बाद भी पत्नी ने थाना या उच्चस्तर पर कोई शिकायत तक दर्ज नहीं कराई, हां इस मारपीट के दौरान उनका बेटा जो घर में मौजूद था, उसने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, देखते ही देखते ये वीडियो वायरल हो गया और स्पेशल डीजी को मध्यप्रदेश सरकार ने फिलहाल निलंबित कर दिया है।
इस कार्यक्रम को एआईआरएफ की महिला चेयरपर्सन जया अग्रवाल, नेशनल यूथ क्वार्डिनेटर प्रीति सिंह, सोनिया हसीजा ने भी संबोधित किया।