ON THE CLARION CALL OF ALL INDIA RAILWAY MEN’S FEDERATION, RAILWAY STAFF ALL OVER INDIA OBSERVED BLACK DAY AGAINST THE GOVERNMENT’S DECISION TO CORPORATIZE INDIAN RAILWAY’S PRODUCTION UNITS AND WORKSHOPS ON 01.07.2019.
रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री सहित सभी उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण कर उनको निजी क्षेत्र में देने की कवायद के बीच रेलकर्मियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोमवार को लखनऊ सहित देश भर में रेलकर्मियों ने काला दिवस मनाया। डीआरएम कार्यालय में ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की सभा में शामिल हुए।
महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने कहाकि आज हमारी लड़ाई सरकार से रेल को बचाने की है, क्योंकि नई सरकार के गठन के बाद 100 दिन की कार्ययोजना में रेलवे बोर्ड ने जो योजना तैयार की है। उससे साफ है कि मंत्रालय निजीकरण और निगमीकरण को बढ़ावा देगी। रेल में छह लाख से भी ज्यादा युवा रेल कर्मचारी हैं, जिनको 25 से 30 साल रेल में सेवा करनी है। दुनिया भर की रेल से भारतीय रेल का प्रदर्शन सबसे बेहतर है फिर भी निजीकरण की बात हो रही है।
रायबरेली की माडर्न रेल कोच फैक्ट्री से पहले हम पांच करोड़ में एक एलएचबी बोगी आयात करते थे। इस फैक्ट्री में लागत महज दो करोड़ रुपये है। हम यहां लक्ष्य से ज्यादा उत्पादन कर रहे हैं, फिर भी इस कोच फैक्ट्री के निगमीकरण की साजिश हो रही है। इस अवसर पर एनआरएमयू के मंडलमंत्री आरके पांडेय, केंद्रीय उपाध्यक्ष एसयू शाह केंद्रीय कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, युवा नेता प्रीति सिंह भी मौजूद थी। उधर विभूति सिंह के नेतृत्व में कॉमर्शियल के कर्मचारियों ने चारबाग स्टेशन पर प्रदर्शन किया।
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