गत वर्ष आज के दिन दुर्घटना में परिवार खोने के बाद भी चट्टान की तरह अडिग क. शिव गोपल मिश्र को लाल सलाम – गत वर्ष आज ही के दिन एक दुर्घटना में भोपाल के निकट अपने महामंत्री कामरेड शिव गोपाल मिश्र जी की पत्नी श्रीमती प्रभा मिश्रा, पौत्री कु. ईरेशा एवं सुपुत्र श्री गौरव मिश्र का दुःखद निधन हो गया था। ईश्वर चरणों में विराज मान दिवंगत आत्मायों को श्रदासुमन

आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि आज अगर मैं केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं तो इसके पीछे पत्नी प्रभावती मिश्रा और बेटे गौरव मिश्रा का त्याग और अपने काम के प्रति समर्पण रहा है। महामंत्री आज यहां पत्नी प्रभावती मिश्रा, पुत्र गौरव मिश्रा और पौत्री इरेशा मिश्रा की प्रथम पुण्यतिथि पर नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन लखनऊ मंडल द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 11 जून को भोपाल के करीब एक सड़क दुर्घटना में पत्नी प्रभावती मिश्रा की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि पौत्री इरेशा मिश्रा ने भी इलाज के दौरान इसी दिन हम सबको छोड़ गई, पुत्र गौरव मिश्रा भी दो दिन यानि 13 जून को दम तोड़ दिया। इस घटना की खबर से देश भर के न सिर्फ रेलकर्मचारी बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों में शोक में डूब गए। आज लखनऊ में इनकी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्दांजलि सभा में महामंत्री ने कहाकि चूंकि पत्नी ने घर की जिम्मेदारी को काफी बेहतर तरीके से संभाल रखा था, वो खुद भी रेलवे की सेवा में थीं, इसके बाद भी उन्होंने आफिस और घर को बेहतर तरीके सभाल रखा था।
घर सुरक्षित हांथों में था लिहाजा मैं बगैर किसी फिक्र के कर्मचारियों के हितों की लड़ाई आगे बढ़ कर लड़ता रहा। उन्होंने याद करते हुए कहाकि बेटे गौरव ने भी अपनी पढ़ाई की जिम्मेदारी को समझा और कभी ऐसा मौका नहीं आया जिससे मुझे बच्चों की पढ़ाई लिखाई की चिंता होती, लिहाजा मेरी ताकत बढ़ती गई और मैने संगठन में खूब समय दिया। दोनों बच्चों ने अपनी प्राइमरी स्कूल से लेकर ग्रेजूएट पोस्ट ग्रेजूएट के साथ ही प्रोफेशनल डिग्री तक हाशिल की और ऐसा कभी मौका नहीं आया कि मुझे इनके स्कूल कालेज जाना पड़ा हो ।
महामंत्री ने कहाकि ये सही है कि इस घटना के बाद मुझे लगा कि आगे ये सब मैं कैसे कर पाऊंगा, मुझे सब कुछ छोड़कर घर बैठ जाना चाहिए, लेकिन मुझे लगाकि अगर इस समय मैं हार कर घर बैठ गया तो पत्नी और बेटे के त्याग का आदर नहीं होगा, उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी, क्योंकि उन्होने तो कर्मचारियों की लड़ाई लड़ने के लिए घर की हर जिम्मेदारी खुद उठाई थी, इसी सोच से मुझे ताकत मिली और मैने तय किया कि परिवार ने जो सपना देखा है, उसे अंतिम सांस तक जरूर पूरा करूंगा, मैं लड़ता आया हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा।
महामंत्री ने कहाकि फिर देश भर में लाखों रेलकर्मचारियों ने कठिन समय में जिस तर मेरा साथ दिया, उसे तो मैं कभी भुला ही नहीं सकता, सभी ने कहाकि हम सब आप के साथ है । आप सबके प्यार के वजह से ही जब लाँक डाउन में पूरा देश घरों में बंद हो गया, सब लोग अपने घरों में कैद हो गए, चाहता तो मैं भी दिल्ली से लखनऊ आकर घर बैठ जाता, लेकिन लाक डाउन की आड में सरकार जिस तरह से कर्मचारियों के अधिकारों में कटौती कर रही थी, डीए को फ्रीज कर दिया, उन सबका विरोध भी करना जरूरी था। लिहाजा मै दिल्ली में खराब हालात होने के बावजूद वहीं बना रहा। लगभग रोज ही आफिस खुला, रोज ही चिट्ठी विभिन्न मंत्रालयों को भेजी गई, जरूरत पड़ने में विभिन्न मंत्रियों और अफसरों से मुलाकात कर कर्मचारियों का पक्ष रखा।
महामंत्री ने कहाकि सच तो ये है कि परिवार के साथ हुई दुर्घटना के बाद मेरे भीतर अगर सबसे बड़ा कोई बदलाव आया है तो ये है कि अब मुझे मौत से डर नहीं लगता। मेरा मानना है कि जब जो होना है वो होकर रहेगा, मैने आज तक कभी किसी का बुरा नहीं किया, फिर भी ऐसी घटना हुई तो मैने सब कुछ ईश्वर पर छोड़ कर कर्म के रास्ते पर आगे बढ़ने का फैसला कर लिया है।
मंडल मंत्री आर के पांडेय ने श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत करते हुए कहाकि ये आज का दिन हम सबके लिए काफी निराश करने वाला है, मुझे याद 11 जून को महामंत्री ने यहां कुछ बैठकें और धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेने के बाद विदेश के लिए रवाना हो रहे थे, लेकिन एक पल में ऐसा लगा कि सब कुछ थम गया। यूनियन अध्यक्ष राजेश सिंह ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त करने के साथ ही आए लोगों का आभार व्यक्त किया। श्रद्धांजलि सभा को वरिष्ठ कामरेड सियाराम वाजपेयी ने भी संबोधित किया। इस दौरान मुख्य रूप से केंद्रीय उपाध्यक्ष एस यू शाह, कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, कारखाना के मंडल मंत्री अरुण गोपाल मिश्रा, लेखामंडल मंत्री उपेन्द्र सिंह और ब्रिज के मंडल मंत्री शैलेन्द्र सिंह समेत तमाम मंडल और शाखा के पदाधिकारी मौजूद थे।
AIRF के विशेष कार्याधिकारी बी पी चौधरी ने अपने शोक संदेश में कहाकि
सुनहु भरत भावी प्रबल बिलखि कहेउ मुनिनाथ।
हानि लाभु जीवनु मरनु जसु अपजसु बिधि हाथ॥.
भगवान राम ने भरत से कहा कि मनुष्य का जन्म, मृत्य, उसका फायदा नुकसान और यश तथा अपयश सब ईश्वर के हाथ में है। मनुष्य की क्षमता सीमित है और समय सबसे बलवान है। काल की ऐसी एक अशुभ घ‌ड़ी में एक साल पहले हमारे आदरणीय महामंत्री श्री शिव गोपाल मिश्रा जी को भारी पारिवारिक क्षति हुई जिसमें उनकी पत्नी, पुत्र और पोती का देहांत हो गया। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह उन तीनों दिवंगत आत्माओं को शांति दें और आदरणीय मिश्रा जी एवं उनके शेष परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।